सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Profit and Loss Questions for Competitive Exams

 

1. Anita purchased a bycicyle at a cost of 3200 rupees she sold it at a loss of 240 rupees. At what price did she sell the bicycle?

2. A person buys a book for 200 rupees and sells it for rupees 225. What will be his gain percent?

3. A gold bracelet is sold for 14500 rupees at a loss of 20% what is the cost price of the gold bracelet?

4. If A shopkeeper purchases cashew nut at rupees 250 per kg and and sells it at 10 rupees per 50 gram then he will have?

5. find the percentage loss when the cost price and the selling price of an article are in the ratio of 5 ratio 3?

6. The ratio of cost price and selling price of the article 25: 26 the percent of profit will be?

7. the cost price of an item is two third of its selling price what is the gain or loss percent on that items?

8. a trader buys some goods for 150 rupees if the overhead expenses be 12% of the cost price then what price should it be sold to on 10%?

9. A salesman expects a gain of 13% on his cost price if in a month his sale was 791000 what was his profit?

10. Mera purchase 23 bracelets @ 160 rupees per bracelet at what rate per bracelet should she sell the bracelets so that profit on is 15%?

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Samta Ansh kise kehte hai - समता अंश किसे कहते हैं

समता अंश:-  समता अंश से अभिप्राय उन अंशों से है जो वार्षिक लाभांश के भुगतान व समापन के समय पूंजी की वापसी में किसी  तरह की पहल का अधिकार नहीं रखते। जो पूंजी अंशो को निर्गमित करके एकत्रित की जाती है उसे अंश पूंजी कहते हैं।  प्रत्येक कंपनी के पार्षद सीमानियम में अंश निर्गमित करके प्राप्त की जाने वाली पूंजी की अधिकतम राशि की जानकारी दी जाती है जिसे हम रजिस्टर्ड पूंजी के नाम से जानते हैं। कंपनी की जो रजिस्टर्ड पूंजी होती है उसको छोटी- छोटी इकाइयों में बांट दिया जाता है। रजिस्टर्ड पूंजी कि यही छोटी इकाइयों को हम अंश कहते हैं। समता अंश को निर्गमित करके एकत्रित की गई पूंजी को समता अंश पूंजी कहते हैं। इसके बिना हम किसी भी कंपनी की कल्पना नहीं कर सकते हैं। कंपनी जिन भी निवेशकों को समता अंश  जारी करती है उन सभी निवेशकों को समता अंशधारी कहते हैं। समता अंशधारी ही किसी भी कंपनी के वास्तविक स्वामी होते हैं। समता अंशो के लाभ:-  समता अंश के माध्यम से विनियोजको एवं कंपनी दोनों को ही लाभ प्राप्त होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं:- समता अंश द्वारा विनियोजको  को लाभ:-  प्...

वैश्वीकरण के आर्थिक प्रभावों को समझाइए

वैश्वीकरण बहुआयामी प्रक्रिया है, जिसमें हम अपने निर्णय के दुनिया की एक क्षेत्र में कार्यान्वित करते हैं, जो दुनिया के दूरवर्ती क्षेत्र में व्यक्तियों के व्यवहार के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्मरणीय बिंदु:- एक अवधारणा के रूप में वैश्वीकरण का बुनियादी तत्व 'प्रवाह'   है। प्रवाह कई प्रकार के होते हैं जैसे- वस्तुओं, पूंजी, श्रम और विचारों का विश्व के एक हिस्से से दूसरे अन्य हिस्से में मुक्त प्रवाह। वैश्वीकरण को भूमंडलीकरण भी कहते हैं और यह एक बहुआयामी अवधारणा है। यह ना तो केवल आर्थिक परिघटना है और ना ही सिर्फ सांस्कृतिक या राजनीतिक परिघटना। वैश्वीकरण के कारण:-  उन्नत प्रौद्योगिकी एवं विश्वव्यापी पारंपरिक जुड़ाव जिस कारण आज विश्व एक वैश्विक ग्राम बन गया है। टेलीग्राफ, टेलीफोन, माइक्रोचिप, इंटरनेट एवं अन्य सूचना तकनीकी साधनों ने विश्व के विभिन्न भागों के बीच संचार की क्रांति कर दिखाई है। पर्यावरण की वैश्विक समस्याओं जैसे- सुनामी, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक ताप वृद्धि से निपटने हेतु अंतर्राष्ट्रीय सहयोग। वैश्वीकरण की विशेषताएं:- पूंजी, श्रम, वस्तु एवं विचारों का गतिश...

थोक व्यापार क्या होता है व्यावसायिक अध्ययन में

" थोक व्यापार उत्पादको एवं फुटकर व्यापारियों की दूरी को समाप्त करता है। " थोक व्यापार का अर्थ:- थोक व्यापार से अभिप्राय एक ऐसे व्यापार से जिसके अंतर्गत वस्तुओं अथवा सेवाओं को बड़ी मात्रा में उत्पादको से क्रय करके फुटकर क्रेताओं को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में बेचा जाता है। इसी व्यापार को करने वाले व्यापारियों को हम थोक व्यापारी कहते हैं। थोक व्यापारी मुख्यत: एक ही प्रकार की वस्तु में व्यापार करते हैं। थोक व्यापार की विशेषताएं:- थोक व्यापारी वस्तुओं को बड़ी मात्रा में खरीदता है। वह कुछ विशेष वस्तुओं में ही व्यापार करता है। वह वस्तुओं को फुटकर व्यापारियों को बेचता है। वह प्राय: क्रय नगद और विक्रय उधार करता है। वह उत्पादक अथवा निर्माता व फुटकर व्यापारी के मध्य संबंध स्थापित करने के लिए इस कड़ी के रूप में कार्य करता है। वस्तुओं के वितरण के लिए थोक व्यापारियों के पास बहुत से एजेंट तथा दलाल होते हैं। थोक व्यापार के लिए अपेक्षाकृत अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है। थोक व्यापारी वस्तुओं का विक्रय बढ़ाने के लिए विज्ञापन के आधुनिक तरीकों को अपनाते हैं। वह अपने माल का स्टॉप दुकान में ना रख कर...