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अंतिम वस्तुएं एवं मध्यवर्ती वस्तुएं क्या होती है?

आज मैं आपको समष्टि अर्थशास्त्र के कुछ मूल अवधारणाओं के बारे में बताने वाला हूं। मुझे उम्मीद है कि समष्टि अर्थशास्त्र की अवधारणाएं आपके लिए काफी उपयोगी साबित होंगी।




PART - 1

1. अर्थव्यवस्था में उत्पादित होने वाली वस्तुओं के प्रकार निम्नलिखित हैं:

* अंतिम वस्तुएं एवं मध्यवर्ती वस्तुएं
* उपभोक्ता वस्तुएं एवं पूंजीगत वस्तुएं

* अंतिम वस्तुएं : 

अंतिम वस्तुएं व वस्तुएं होती हैं जो अपने उत्पादन की अंतिम सीमा रेखा को पार कर चुकी होती हैं तथा अपने अंतिम प्रयोग करता के द्वारा प्रयोग में लाने के लिए तैयार होती हैं उन्हें अंतिम वस्तुएं कहते हैं।

. अंतिम प्रयोग करता कौन होता है?

अंतिम प्रयोग करता में निम्नलिखित लोग आते हैं:
* उपभोक्ता
* उत्पादक

* मध्यवर्ती वस्तुएं :

मध्यवर्ती वस्तुएं व वस्तुएं होती हैं जिन्होंने अभी तक अपने उत्पादन की अंतिम सीमा रेखा को पार नहीं किया होता है तथा अभी भी इनके मूल्य में वृद्धि की जानी होती है एवं ये अपने अंतिम प्रयोग करता द्वारा प्रयोग में भी लाने के लिए तैयार नहीं होते हैं।


* उपभोक्ता वस्तुएं :

उपभोक्ता वस्तुएं व वस्तुएं होती हैं जो मानवीय आवश्यकताओं को प्रत्यक्ष रूप से संतुष्टि प्रदान करती हैं उन्हें उपभोक्ता वस्तुएं या उपभोक्ता वस्तु कहा जाता है।

* उपभोक्ता वस्तुएं निम्नलिखित प्रकार की होती है : 

. टिकाऊ वस्तुएं
.  अर्ध  टिकाऊ वस्तुएं
. गैर टिकाऊ वस्तुएं
. अभौतिक वस्तुएं या सेवाएं

* टिकाऊ  वस्तुएं : 

टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुएं वह वस्तुएं होती हैं जिनका प्रयोग कई वर्षों तक किया जा सकता है एवं इन वस्तुओं का सापेक्ष मूल्य भी काफी अधिक होता है।

* अर्ध टिकाऊ वस्तुएं : 

अर्ध टिकाऊ वस्तुएं व वस्तुएं होती हैं जिनका प्रयोग 1 वर्ष या उससे अधिक समय के लिए किया जा सकता है उन्हें अर्ध टिकाऊ वस्तुएं कहते हैं।

* गैर टिकाऊ वस्तुएं : 

गैर टिकाऊ वस्तुएं वह वस्तुएं होती हैं जिनका प्रयोग केवल एक बार ही किया जा सकता है उसके बाद उनका प्रयोग हम नहीं कर सकते हैं ऐसी वस्तुओं को गैर टिकाऊ वस्तुएं कहते हैं।

* अभौतिक वस्तुएं या सेवाएं :

सेवाएं वह भौतिक वस्तुएं हैं जो मानवीय आवश्यकताओं को प्रत्यक्ष रूप से संतुष्टि प्रदान करती हैं।


* पूंजीगत वस्तु:

पूंजीगत वस्तुएं व वस्तुएं होती हैं जिनका उत्पादन की प्रक्रिया में कई वर्षों तक प्रयोग किया जाता है और जिनका उच्च मूल्य होता है किसी भी उत्पादक  की यह स्थिर परिसंपत्तियां होती हैं इन वस्तु का प्रयोग करने से उनका मूल्यह्रास होता है।

2. उपभोक्ता वस्तुओं के उदाहरण : 

* टिकाऊ वस्तुएं जैसे- टीवी, रेडियो, कार आदि।
* अर्ध टिकाऊ वस्तुएं जैसे - कपड़े, फर्नीचर आदि।
*  गैर टिकाऊ वस्तुएं जैसे - दूध, पेट्रोल आदि।
* अभौतिक वस्तुएं जैसे - डॉक्टर, वकील आदि।







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