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पूर्ति क्या है पूर्ति के नियम को लिखे


पूर्ति से क्या अभिप्राय है?

पूर्ति से अभिप्राय एक वस्तु की उस मात्रा से होता है जिसे एक फॉर्म निश्चित समय अवधि में तथा एक निश्चित कीमत पर बेचने के लिए तैयार अथवा इच्छुक होती है।

* पूर्ति के चार महत्वपूर्ण तत्व है:

. एक वस्तु की मात्रा
. वस्तु को बेचने की इच्छा
. वस्तु के निश्चित कीमत
. वस्तु को बेचने के लिए एक निश्चित समय 

* पूर्ति के प्रकार:

पूर्ति मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है:
. व्यक्तिगत पूर्ति
. बाजार पूर्ति

. व्यक्तिगत पूर्ति: 
व्यक्तिगत पूर्ति से अभिप्राय एक वस्तु की उस मात्रा से होता है जिसे एक व्यक्तिगत फॉर्म एक निश्चित समय अवधि पर उस वस्तु की कीमत के अनुसार बेचने के लिए इच्छुक होती है।

. बाजार पूर्ति:
बाजार पूर्ति से अभिप्राय एक वस्तु की उस मात्रा से है जिसे बाजार एक निश्चित समय होती पर उस वस्तु की कीमत के अनुसार उसे बेचने के लिए अथवा प्रस्तुत करने के लिए तैयार होते हैं।

2. स्टॉक:

स्टॉक से अभिप्राय एक वस्तु की उस कुल मात्रा से है जो किसी व्यवसायिक अथवा कंपनी के पास एक विशेष समय पर उपलब्ध होती है उसे हम स्टॉक कहते हैं।

3. व्यक्तिगत पूर्ति के निर्धारक:

. दी गई वस्तु की कीमत:
एक वस्तु की पूर्ति मुख्य रूप से उस वस्तु की कीमत के कारण से भी प्रभावित होती है यदि उस वस्तु की कीमत में वृद्धि होगी तो उस वस्तु की पूर्ति में भी वृद्धि होगी एवं उस वस्तु की कीमत में वृद्धि नहीं होगी तो उस वस्तु की पूर्ति में भी वृद्धि नहीं होगी।
. किसी भी वस्तु की कीमत एवं उसकी पूर्ति में प्रत्यक्ष संबंध होता है कई सारे व्यवसायिक अत्याधिक लाभ अर्जित करने के लिए ही किसी वस्तु की पूर्ति अधिक कीमत पर करते हैं।

. अन्य वस्तु की कीमत:
किसी भी वस्तु की पूर्ति पर प्रभाव केवल उस वस्तु की कीमत की वजह से नहीं पड़ता बल्कि अन्य वस्तु की कीमत की वजह से भी पड़ता है क्योंकि हमारे पास संसाधन सीमित हैं उनके वैकल्पिक उपयोग है अतः इस वजह से भी किसी भी वस्तु की पूर्ति पर प्रभाव पड़ सकता है।

. उत्पादन के साधनों की कीमत:
किसी भी वस्तु की पूर्ति पर प्रभाव उत्पादन में प्रयोग होने वाले साधनों की कीमतों से भी  होता है। यदि उत्पादन प्रक्रिया में प्रयोग किए जाने वाले साधनों की कीमत में वृद्धि हो जाती है इसकी वजह से किसी व्यवसाय के लाभ में गिरावट आएगी अतः वह व्यवसायिक उस वस्तु की पूर्ति में कमी कर देगा।

. तकनीक की स्थिति:
किसी वस्तु की पूर्ति पर प्रभाव तकनीक की वजह से भी पड़ सकता है क्योंकि यदि किसी भी व्यवसायिक के पास तकनीक बहुत ही अच्छी होगी तो उसे अपनी तकनीक अथवा उत्पादन के समय लागत कम लगानी पड़ेगी परंतु उसकी तकनीक अच्छी नहीं होती तो उसे लागत अधिक लगानी पड़ेगी जिसकी वजह से वह किसी भी वस्तु की पूर्ति को कम कर सकता है।

. सरकार की नीति:
सरकार की नीति की वजह से भी किसी वस्तु की पूर्ति पर प्रभाव पड़ता है क्योंकि यदि सरकार करो कि दर में वृद्धि कर देगी तो इससे उत्पादन की लागत बढ़ जाएगी जिसकी वजह से कोई भी व्यवसायिक ज्यादा किसी भी वस्तु का उत्पादन नहीं कर पाएगा परिणाम स्वरूप उस वस्तु की पूर्ति में कमी आ जाएगी।

4. बाजार पूर्ति के निर्धारक:

. बाजार में फर्म की संख्या:
यदि किसी भी बाजार में फर्मों की संख्या में अत्याधिक वृद्धि होगी तो इसका लाभ अवश्य मिलेगा क्योंकि इसकी वजह से किसी भी वस्तु का उत्पादन बड़े पैमाने पर होगा जिससे कि उस वस्तु की पूर्ति में वृद्धि होगी परंतु हानी की वजह से जब फर्में बाजार को छोड़कर जाने लगेगी तो इसके परिणाम स्वरूप किसी भी वस्तु की पूर्ति में कमी आ जाएगी।

. कीमत के संबंध में प्रत्याशा:
किसी भी वस्तु की पूर्ति में कमी आ सकती है यदि कोई भी व्यवसायिक यह सोचने लग जाए कि भविष्य में इस वस्तु की कीमत में वृद्धि करके इसकी पूर्ति में वृद्धि की जाए जिससे कि भविष्य में अत्याधिक लाभ अर्जित हो पाएगा तो इसकी वजह से वह वर्तमान में उस वस्तु की अधिक पूर्ति नहीं कर पाएगा।
. दूसरी तरफ यदि किसी उत्पादों का ऐसा लगता है कि भविष्य में कीमत वृद्धि हो करने की वजह से उसे हानि हो सकता है तो वर्तमान में कीमत वृद्धि कर देता है जिसकी वजह से वस्तु की पूर्ति में वृद्धि हो जाती है।

. यातायात और संचार के माध्यम:
किसी भी वस्तु की पूर्ति में वृद्धि अथवा उस वस्तु की पूर्ति में निरंतरता बनाए रखनी है तो हमें अपने यातायात और संचार के सभी स्रोतों का अच्छे से विकास करना होगा एवं उनको सही रूप से प्रयोग करना होगा जिसकी वजह से वस्तु की पूर्ति निरंतर रूप से बनी रहे।

5. पूर्ति फलन:

पूर्ति फलन से अभिप्राय एक वस्तु की विशेष मात्रा की की जाने वाली पूर्ति एवं उस को प्रभावित करने वाले कारकों के बीच फलनात्मक संबंध को पूर्ति फलन के माध्यम से दर्शाया जाता है।
. पूर्ति फलन दो प्रकार के होते हैं:
. व्यक्तिगत पूर्ति फलन
. बाजार मूर्ति फलन

* व्यक्तिगत पूर्ति फलन:
व्यक्तिगत पूर्ति फलन से अभिप्राय एक वस्तु की पूर्ति और उस वस्तु की पूर्ति को प्रभावित करने वाले कारकों के बीच फलनात्मक संबंध से होता है।

* बाजार पूर्ति फलन:
बजाज पूर्ति फलन से अभिप्राय एक वस्तु की बाजार पूर्ति और उस वस्तु की पूर्ति को प्रभावित करने वाले कारकों के बीच फलनात्मक से है।

6. पूर्ति तालिका:

पूर्ति तालिका से अभिप्राय एक निश्चित समय में किसी भी वस्तु को उसके विभिन्न कीमतों के अनुसार उसकी पूर्ति की जाने वाली मात्राओं को एक तालिका के माध्यम से प्रदर्शित किया जाता है उसे हम पूर्ति तालिका कहते हैं।
पूर्ति तालिका दो प्रकार की होती है:
. व्यक्तिगत पूर्ति तालिका
. बाजार पूर्ति तालिका

* व्यक्तिगत पूर्ति तालिका:
व्यक्तिगत पूर्ति तालिका से अभिप्राय उस तालिका से है जो मुख्य रूप से एक वस्तु की उस विभिन्न मात्रा को दर्शाती है जिसे उसकी विभिन्न कीमतों के अनुसार बेचा गया हो।

* बाजार पूर्ति तालिका:
बाजार पूर्ति तालिका से अभिप्राय किसी वस्तु को उसके विभिन्न मात्राओं एवं उसकी हर संभव कीमत के अनुसार किसी उत्पादक द्वारा बेचने की तत्परता को तालिका के माध्यम से दर्शाता है।


9. पूर्ति वक्र:

पूर्ति वक्र मुख्य रूप से पूर्ति तालिका को ग्राफीय स्वरूप में प्रदर्शित करता है।
. पूर्ति वक्र 2 तरीके के हैं:
. व्यक्तिगत पूर्ति वक्र
. बाजार पूर्ति वक्र

* व्यक्तिगत पूर्ति वक्र:
व्यक्तिगत पूर्ति वक्र मुख्य रूप से व्यक्तिगत तालिका को ग्राफ के रूप में प्रदर्शित करती है।

* बाजार पूर्ति वक्र:
पूर्ति वक्र मुख्य रूप से बाजार तालिका को ग्राफ के रूप में प्रदर्शित करती है।



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