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विदेशी विनिमय दर क्या होता है?

आज मैं आप सभी को विदेशी विनिमय दर के बारे में बताने वाला हूं मैं आपको यह बताऊंगा कि विदेशी विनिमय दर क्या होती है और विदेशी विनिमय दर की प्रणाली के बारे में भी जानेंगे साथ ही हम यह देखेंगे की विदेशी विनिमय दर में वृद्धि एवं कमी होने पर ग्राफ का निर्धारण  किस तरीके से किया जाता है।

1. विदेशी विनिमय दर क्या है ? 

विदेशी विनिमय दर वह दर है जिस पर एक देश की घरेलू करेंसी को किसी दूसरे देश की करेंसी के साथ बदला जा सकता है उसे विदेशी विनिमय दर कहते हैं।

* विदेशी विनिमय दर प्रणाली : 

विदेशी विनिमय दर प्रणाली दो प्रकार की हैं : 

. स्थिर विनिमय दर प्रणाली
. नम्य विनिमय दर प्रणाली

* स्थिर विनिमय दर प्रणाली :

स्थिर विनिमय दर प्रणाली वह प्रणाली है जिसमें विनिमय की दर सरकार के माध्यम से निर्धारित किया जाता है।

* नम्य विनिमय दर प्रणाली : 

नम्य विनिमय  दर प्रणाली में विनिमय दर का निर्धारण मांग सिद्धांत एवं पूर्ति सिद्धांत के माध्यम से होता है इस सिद्धांत के अनुसार किसी भी देश के करेंसी की विनिमय दर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में उसकी मांग तथा पूर्ति के आधार पर निर्धारित की जाती है।

2. विदेशी विनिमय  की मांग क्यों की जाती है ?

विदेशी विनिमय की मांग निम्नलिखित कारणों से की जाती है :

* अंतरराष्ट्रीय ऋणों का पुनः भुगतान
* विदेशी निवेश के लिए
* आयात के लिए
* विदेशों से प्रत्यक्ष खरीदने के लिए
* अनुदान तथा दान के लिए
* आय का भुगतान के लिए

3. विदेशी विनिमय के स्रोत : 

* निर्यात से
* शेष विश्व से निवेश जब प्राप्त होता है
* शेष विश्व से जब अनुदान एवं दान प्राप्त होता है
* आय प्राप्तियां

4. विदेशी विनिमय बाजार क्या होता है ? 

विदेशी विनिमय बाजार वह बाजार होता है जहां पर विश्व के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय करेंसीयो को बेचा व खरीदा जाता है।

* विदेशी विनिमय बाजार के कार्य :

विदेशी विनिमय बाजार के मुख्य रूप से तीन कार्य हैं :

* हस्तांतरण का कार्य
* साख का कार्य
* जोखिम से बचाव का कार्य


5. विनिमय की संतुलन दर का ग्राफ : 




6. विदेशी करेंसी की मांग में वृद्धि का ग्राफ : 

7. विदेशी करेंसी की मांग में कमी का ग्राफ :

8. विदेशी करेंसी की पूर्ति में वृद्धि का ग्राफ :

9. विदेशी करेंसी की पूर्ति में कमी का ग्राफ : 



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