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निवेश क्या होता है और निवेश कितने प्रकार के होते हैं ?

 

Basic concepts of  Microeconomics

1. निवेश की अवधारणा और उसके घटक : 

* निवेश क्या है ? 

निवेश से अभिप्राय एक ऐसी प्रक्रिया से है  जिसमें हम पूंजी का निर्माण करते हैं।

* निवेश के प्रकार : 

निवेश दो प्रकार के होते हैं : 
* स्थिर निवेश
* माल सूची निवेश

* स्थिर निवेश : 

स्थिर निवेश से अभिप्राय 1 वर्ष के दौरान किसी उत्पादक के पास मौजूद उसकी स्थिर परिसंपत्तियों में होने वाली वृद्धि से है। जब कोई उत्पादक अपने स्थिर परिसंपत्तियों की खरीद पर कोई खर्च करता है तो उसे स्थिर निवेश कहते हैं।

* माल सूची निवेश : 

माल सूची निवेश से अभिप्राय किसी एक समय पर उत्पादक के पास जो उस स्टॉक मौजूद होता है जिसमें निम्नलिखित वस्तुएं शामिल होती हैं: 
. तैयार वस्तुएं
. अर्ध तैयार वस्तु 
. कच्चा माल सम्मिलित होता है इसे माल सूची स्टॉक कहते हैं।

2. सकल निवेश शुद्ध निवेश तथा मूल्य ह्रास की अवधारणा : 

* सकल निवेश: 

सकल निवेश व निवेश होता है जिसमें 1 वर्ष के दौरान उत्पादक के द्वारा अपनी नई परिसंपत्तियों पर किया गया  खर्चा तथा पुरानी परिसंपत्ति की पुनः स्थापना पर किए गए खर्चे को शामिल किया जाता है।

* शुद्ध निवेश : 

शुद्ध निवेश व निवेश होता है जिसमें उत्पादक के द्वारा उसकी नई परिसंपत्तियों पर किए गए खर्चे को ही शामिल किया जाता है ना कि पुरानी परिसंपत्तियों पर किए गए खर्चे को शामिल नहीं किया जाता है।

* मूल्यह्रास : 

मूल्यह्रास से अभिप्राय यह है कि जब किसी स्थिर परिसंपत्ति का इस्तेमाल करने से उसके कीमत में होने वाली कमी से है।
. किसी स्थिर परिसंपत्ति के मूल्य में कमी निम्नलिखित कारणों से आती है : 
. सामान्य टूट-फूट
. रखरखाव एवं मरम्मत की वजह से

* मूल्यह्रास आरक्षित कोश :

मूल्यह्रास आरक्षित रक्षित कोष वह कोष होता है जिसके द्वारा मूल्यह्रास क्षतिपूर्ति की जाती है।

3. प्रत्याशित  अप्रचलन तथा अप्रत्याशित अ प्रचलन :

* प्रत्याशित अप्रचलन : 

प्रत्याशी का प्रचलन से अभिप्राय है कि जब उद्योग एवं तकनीक तथा मांग में परिवर्तन होता है जिसकी वजह से स्थिर परिसंपत्तियों के मूल्य में कमी आती है तो उसे प्रत्याशित का अप्रचलन कहते हैं।


* अप्रत्याशित अ प्रचलन : 

अप्रत्याशित प्रचलन से अभिप्राय है कि जब प्राकृतिक आपदाओं एवं आर्थिक मंदी के कारण स्थिर पर संपत्तियों के मूल्य में कमी आती है तो उसे अप्रत्याशित प्रचलन कहते हैं।


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