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Sangya किसे कहते हैं और इसके कितने प्रकार है?

 परिचय:- 

सबसे पहले Sangya के बारे में पढ़ने से पहले हमें यह जानने की आवश्यकता है कि हिंदी व्याकरण में संज्ञा का क्या महत्व है? जिस तरीके से हम व्यक्तियों के नाम रखते हैं जिससे उनकी पहचान की जाए ठीक उसी तरह संज्ञा भी हिंदी में नाम के लिए आई है , क्योंकि नाम एक संज्ञा ही है।



Sangya  किसे कहते हैं और इसके कितने प्रकार है?


संज्ञा किसे कहते हैं? 


किसी व्यक्ति, स्थान, वस्तु या भाव के नाम को संज्ञा कहा जाता है। दूसरे शब्दों में हम यह कह सकते हैं कि नाम को ही संज्ञा कहा जाता है।


संज्ञा से संबंधित उदाहरण:- 


  • दिल्ली भारत की राजधानी है।

  • घड़ी हमें समय दिखाती है।

  • बचपन की मित्रता कौन भूल सकता है।

  • शंकर स्वभाव से दयालु है।

  • गाय का दूध मीठा होता है।


संज्ञा के कितने भेद होते हैं?


संज्ञा के मुख्य रूप से तीन भेद है:-


  1. व्यक्तिवाचक संज्ञा

  2. जातिवाचक संज्ञा

  3. भाववाचक संज्ञा


व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं?


जो शब्द किसी विशेष व्यक्ति, वस्तु, स्थान के भाव का बोध कराते हैं उन्हें हम व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं।

जैसे:- राम, आगरा, हिमालय, रामायण, गंगा आदि यह सभी व्यक्तिवाचक संज्ञा के उदाहरण हैं।


जातिवाचक संज्ञा किसे कहते हैं?


किसी वर्ग या समूह का बोध कराने वाले शब्दों को जातिवाचक संज्ञा कहा जाता है। जैसे:- बालक, अध्यापक, डॉक्टर, छात्र आदि यह सभी जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण है।


जातिवाचक संज्ञा कितने प्रकार के होते हैं?


जातिवाचक संज्ञा मुख्य रूप से दो प्रकार के हैं:-


  1. समूहवाचक संज्ञा

  2. द्रव्यवाचक संज्ञा



समूहवाचक संज्ञा किसे कहते हैं?


समूहवाचक संज्ञा वह संज्ञा  होती है जो मुख्य रूप से एकवचन में प्रयोग की जाती है एवं जो गणीनिय होती है। 

समूहवाचक संज्ञा को मुख्य रूप से समुदायवाचक संज्ञा के रूप में भी जाना जाता है।


जैसे:- सेना, पुलिस, परिवार, मंडली, कक्षा, विद्यालय यह सभी समूहवाचक संज्ञा के उदाहरण है।


द्रव्यवाचक संज्ञा किसे कहते हैं?


द्रव्यवाचक संज्ञा वह संख्या होती है जो अगणीनीय होती हैं, प्राय: नाप तौल के रूप में प्रयोग की जाती हैं एवं इनको भी एकवचन के रूप में प्रयोग किया जाता है। 

जैसे:-  दूध, दही, सोना, चांदी यह सभी द्रव्यवाचक संज्ञा के उदाहरण हैं।


भाववाचक संज्ञा किसे कहते हैं?


ऐसे शब्द जिनसे भाव प्रकट होता है अर्थात ऐसे शब्द जो हमें दिखाई नहीं देते हैं परंतु उनको महसूस कर सकते हैं उन्हें हम भाववाचक संज्ञा के रूप में जानते हैं।

जैसे:- बचपन, मिठास, बुढ़ापा, मित्रता, घृणा, ईमानदारी, मानवता आदि सभी भाववाचक संज्ञा के उदाहरण हैं।


संज्ञा से संबंधित अभ्यास करने के लिए कुछ प्रश्न:- 


प्रश्न:- 1.  निम्नलिखित वाक्यों में संज्ञा शब्द छांटिए:- 


  1. मैं लखनऊ जाऊंगा।

  2. गाय मीठा दूध देती है।

  3. प्रसून किताब पढ़ रहा है।

  4. वह बचपन में शरारती था।

  5. रोहन बहुत ईमानदार है।

  6. मैं डॉक्टर के पास जाऊंगा।

  7. हमारी मित्रता बहुत अच्छी है।

  8. ताजमहल आगरा में उपस्थित है।

  9. हिमालय पर्वत बहुत ऊंचा है।

  10. अध्यापक छात्रों को पढ़ा रहे हैं।


प्रश्न:- 2.  निम्नलिखित शब्दों में से संज्ञा शब्द अलग कीजिए:- 


दूध, चमकीला, छात्र, सुंदर,  फूल, पुस्तक, हिमालय, ऊंचा, अध्यापक, नीचा, बुढ़ापा, गंगा, मानवता, आगरा, दिल्ली।


प्रश्न:- 3.  निम्नलिखित संज्ञा शब्दों में से व्यक्ति, स्थान तथा वस्तु सूचक शब्द को अलग छांटिए:- 


पाठशाला, घड़ी, छतरी, बाग, संतरा, उमेश, राधा, चांदनी चौक, नीरज, आगरा, सीता, गीता, रमेश अध्यापक, डॉक्टर। 

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