सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Important questions of Percentage

  In this article I am going to provide you some important questions of Percentage these all questions are really helpful for your exam . These questions came in. Previous year's exam.

 

1. Express 0.6% as a fraction?

2. What is the 5% of 50% of 500?

3. 89% of ?+365 =1075.22

4. 25% of what amount of money is equal to 25/2 of 180 rupees?

5. There are 1240 employees in an organisation out of which 25% are promoted. How many such employees are there who got promotion?

6. The difference between 78% of a number and 59% of the same number is 323. What is 62% of that number?

7. A saves 20% of his monthly salary if his monthly expenditure is 6000 rupees then his monthly saving is?

8. A man loses 20% of his money after spending 25% of the remainder he has 480 rupees left what is the amount of money he originally had?

9. Two numbers are respectively 20% and 50% more than a third number what is the percentage of second with respect of first?

10. In a school 10% of boys are equal to the one fourth of the girls what is the ratio of boys and girls in that school?

11. 48% of the first number is 60% of the second number what is the ratio of the first number to the second number?

12. the sum of 15% of a positive number and 20% of the same number is 126 what is the one third of that number?

If you want more questions so please join my telegram channel and text so I porvide you some more questions.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

Samta Ansh kise kehte hai - समता अंश किसे कहते हैं

समता अंश:-  समता अंश से अभिप्राय उन अंशों से है जो वार्षिक लाभांश के भुगतान व समापन के समय पूंजी की वापसी में किसी  तरह की पहल का अधिकार नहीं रखते। जो पूंजी अंशो को निर्गमित करके एकत्रित की जाती है उसे अंश पूंजी कहते हैं।  प्रत्येक कंपनी के पार्षद सीमानियम में अंश निर्गमित करके प्राप्त की जाने वाली पूंजी की अधिकतम राशि की जानकारी दी जाती है जिसे हम रजिस्टर्ड पूंजी के नाम से जानते हैं। कंपनी की जो रजिस्टर्ड पूंजी होती है उसको छोटी- छोटी इकाइयों में बांट दिया जाता है। रजिस्टर्ड पूंजी कि यही छोटी इकाइयों को हम अंश कहते हैं। समता अंश को निर्गमित करके एकत्रित की गई पूंजी को समता अंश पूंजी कहते हैं। इसके बिना हम किसी भी कंपनी की कल्पना नहीं कर सकते हैं। कंपनी जिन भी निवेशकों को समता अंश  जारी करती है उन सभी निवेशकों को समता अंशधारी कहते हैं। समता अंशधारी ही किसी भी कंपनी के वास्तविक स्वामी होते हैं। समता अंशो के लाभ:-  समता अंश के माध्यम से विनियोजको एवं कंपनी दोनों को ही लाभ प्राप्त होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं:- समता अंश द्वारा विनियोजको  को लाभ:-  प्रबंधकीय क्रियाओं में हिस्सेदारी:-

वैश्वीकरण के आर्थिक प्रभावों को समझाइए

वैश्वीकरण बहुआयामी प्रक्रिया है, जिसमें हम अपने निर्णय के दुनिया की एक क्षेत्र में कार्यान्वित करते हैं, जो दुनिया के दूरवर्ती क्षेत्र में व्यक्तियों के व्यवहार के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। स्मरणीय बिंदु:- एक अवधारणा के रूप में वैश्वीकरण का बुनियादी तत्व 'प्रवाह'   है। प्रवाह कई प्रकार के होते हैं जैसे- वस्तुओं, पूंजी, श्रम और विचारों का विश्व के एक हिस्से से दूसरे अन्य हिस्से में मुक्त प्रवाह। वैश्वीकरण को भूमंडलीकरण भी कहते हैं और यह एक बहुआयामी अवधारणा है। यह ना तो केवल आर्थिक परिघटना है और ना ही सिर्फ सांस्कृतिक या राजनीतिक परिघटना। वैश्वीकरण के कारण:-  उन्नत प्रौद्योगिकी एवं विश्वव्यापी पारंपरिक जुड़ाव जिस कारण आज विश्व एक वैश्विक ग्राम बन गया है। टेलीग्राफ, टेलीफोन, माइक्रोचिप, इंटरनेट एवं अन्य सूचना तकनीकी साधनों ने विश्व के विभिन्न भागों के बीच संचार की क्रांति कर दिखाई है। पर्यावरण की वैश्विक समस्याओं जैसे- सुनामी, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक ताप वृद्धि से निपटने हेतु अंतर्राष्ट्रीय सहयोग। वैश्वीकरण की विशेषताएं:- पूंजी, श्रम, वस्तु एवं विचारों का गतिशी

थोक व्यापार क्या होता है व्यावसायिक अध्ययन में

" थोक व्यापार उत्पादको एवं फुटकर व्यापारियों की दूरी को समाप्त करता है। " थोक व्यापार का अर्थ:- थोक व्यापार से अभिप्राय एक ऐसे व्यापार से जिसके अंतर्गत वस्तुओं अथवा सेवाओं को बड़ी मात्रा में उत्पादको से क्रय करके फुटकर क्रेताओं को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में बेचा जाता है। इसी व्यापार को करने वाले व्यापारियों को हम थोक व्यापारी कहते हैं। थोक व्यापारी मुख्यत: एक ही प्रकार की वस्तु में व्यापार करते हैं। थोक व्यापार की विशेषताएं:- थोक व्यापारी वस्तुओं को बड़ी मात्रा में खरीदता है। वह कुछ विशेष वस्तुओं में ही व्यापार करता है। वह वस्तुओं को फुटकर व्यापारियों को बेचता है। वह प्राय: क्रय नगद और विक्रय उधार करता है। वह उत्पादक अथवा निर्माता व फुटकर व्यापारी के मध्य संबंध स्थापित करने के लिए इस कड़ी के रूप में कार्य करता है। वस्तुओं के वितरण के लिए थोक व्यापारियों के पास बहुत से एजेंट तथा दलाल होते हैं। थोक व्यापार के लिए अपेक्षाकृत अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है। थोक व्यापारी वस्तुओं का विक्रय बढ़ाने के लिए विज्ञापन के आधुनिक तरीकों को अपनाते हैं। वह अपने माल का स्टॉप दुकान में ना रख कर