Introduction:
गरीबी या निर्धनता किसी भी देश के लिए बहुत ही गंभीर समस्या है आज के समय में कई सारे ऐसे देश हैं जो इस समस्या का समाधान निकालने में लगे हुए हैं। हमारे देश में भी गरीबी की समस्या बहुत ज्यादा है अतः इस समस्या का समाधान निकालने के लिए सरकार कई सारे कदम अपनी तरफ से उठाती है उन सभी कदमों का उद्देश्य यह होता है कि किस तरीके से हम अपने देश में गरीबों की संख्या में कमी कर सकें और सभी लोगों को वह सारी बुनियादी चीजें उपलब्ध करवाई जा सके जिसके माध्यम से वह अपने जीवन स्तर को सुधार सकते हैं।
1. Poverty meaning:
( गरीबी का अर्थ)
गरीबी से अभिप्राय उस स्थिति से है जब एक व्यक्ति अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को भी पूरा करने में सफल नहीं हो पाता है तब हम उस व्यक्ति को गरीब कहते हैं।
. किसी भी व्यक्ति की मूलभूत आवश्यकताएं निम्नलिखित होती हैं जो उसे अवश्य पूरी करनी चाहिए:
. रोटी
. कपड़ा
. मकान
* गरीब कौन है?
आज के समय में अगर हम गरीबी की बात करें तो यह किसी भी देश के लिए बहुत बड़ी समस्या है हर देश की सरकार यह प्रयास करती है कि वह अपने देश में गरीबों की संख्या को कम से कम कर सके। कई सारे ऐसे लोग हमारे देश में आज भी हैं जो इस गरीबी के चंगुल में फंसे हुए हैं और वह लोग आज भी अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को भी पूरा नहीं कर पाते हैं जिससे समाज में उन लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। हमारी देश में गरीबी को दो हिस्सों में बांटा गया है:
. ग्रामीण गरीबी
. शहरी गरीबी
* शहर में गरीबी अथवा शहरी गरीबी:
शहर में मुख्य रूप से उन लोगों को गरीब माना जाता है जो लोग मुख्य रूप से ठेला चलाते हैं, मोची का काम करते हैं, कचरा बीनने वाले, भिखारी आदि शामिल होते हैं । इन सभी लोगों को शहरी गरीबी में इसलिए शामिल किया जाता है क्योंकि इन लोगों के पास बहुत कम संसाधन होते हैं साथ ही साथ इन लोगों के पास रहने के लिए अच्छा घर भी नहीं होता है एवं इन लोगों के पास कई सारी सुविधाएं नहीं होती हैं जो अन्य लोगों के पास होती हैं।
. शहर में रहने वाले गरीब लोगों को रोजगार की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान पर निरंतर जाना पड़ता है एवं अपने जीवन यापन के लिए बहुत अधिक परीश्रम करना पड़ता है।
* ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी:
ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य रूप से उन व्यक्तियों को गरीब माना जाता है जिनके पास अपनी खुद की जमीन नहीं होती है एवं वह लोग मजदूर होते हैं ऐसे लोगों को ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब माना जाता है क्योंकि इन लोगों के पास भी संसाधनों की कमी होती है।
. ग्रामीण क्षेत्रों में कई सारे ऐसे लोग भी होते हैं जो अपने लिए 1 दिन में दो समय का भोजन भी नहीं उपलब्ध करवा पाते हैं।
* गरीब लोगों की सामान्य रूप से विशेषताएं निम्नलिखित होती है:
. भूख, भुखमरी और कुपोषण
. खराब स्वास्थ्य
. इन लोगों के पास आर्थिक और सर काफी सीमित रूप से होते हैं आर्थिक और सर से अभिप्राय यह है कि इन लोगों के पास रोजगार बहुत कम होता है।
. ऋण के जाल में येलो फंसे होते हैं।
. इन लोगों के पास बिजली और पानी जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो पाती हैं।
. इन लोगों के परिवार का आकार भी काफी बड़ा होता है जिसकी वजह से इन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। परिवार का आकार बड़ा होने की वजह से इनकी आर्थिक स्थिति भी काफी कमजोर हो जाती है।
2. Measures of poverty:
( गरीबी के माप)
गरीबी की समस्या किसी भी देश के लिए एक बहुत बड़ी समस्या है इस समस्या को हम जब तक नहीं खत्म कर सकते हैं जब तक हमें यह ना पता चले कि हमारे देश में गरीबों की संख्या कितनी है अथवा कौन से ऐसे लोग हैं जो गरीबी के अंदर आते हैं जिससे कि उस आधार पर कार्य किया जा सके और गरीबी को कम किया जा सके।
. गरीबी के माप दो प्रकार के हैं:
* सापेक्षिक गरीबी:
सापेक्ष गरीबी से अभिप्राय एक ऐसी गरीबी से है जिसमें हम किसी एक व्यक्ति की तुलना किसी दूसरे व्यक्ति के साथ करते हैं अथवा किसी एक देश की तुलना किसी दूसरे देश के साथ करके हम गरीबी का पता लगाते हैं इसे हम सापेक्षिक गरीबी कहते हैं।
* निरपेक्ष गरीबी:
निरपेक्ष गरीबी से अभिप्राय उस गरीबी से है जिसमें यह पता लगाया जाता है कि वास्तव में कितने ऐसे लोग हमारे देश में मौजूद हैं जो गरीबी रेखा से नीचे अपना जीवन यापन कर रहे हैं, उसे हम निरपेक्ष गरीबी कहते हैं।
3. Poverty line:
( गरीबी रेखा)
गरीबी रेखा से एक ऐसी रेखा से हैं जो मुख्य रूप से देश में रहने वाले पूरी जनसंख्या को दो हिस्सों में बांट देती है वह दोनों हिस्सों को हमने में लिखित नाम से जानते हैं:
. गरीब
. अमीर: यहां अमीर का मतलब उन व्यक्तियों से है जो अपनी मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं जैसे: रोटी, कपड़ा, मकान।
* जो लोग गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं उन्हें गरीब कहा जाता है।
* जो लोग गरीबी रेखा से ऊपर रहते हैं उन्हें अमेरिका आ जाता है।
* गरीबी रेखा का निर्धारण:
भारत में प्रति व्यक्ति मासिक आय के आधार पर निर्धनता रेखा या गरीबी रेखा का निर्धारण किया जाता है।
. इस विधि के अनुसार न्यूनतम कैलोरी आवश्यकता एवं न्यूनतम कैलोरी आवश्यकता का मौद्रिक मूल्य के रूप में गणना की जाती है।
* न्यूनतम कैलरी आवश्यकता:
योजना आयोग ने निर्धनता रेखा का निर्धारण करने के लिए न्यूनतम कैलोरी और सकता के अंतर्गत यह कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में जो लोग रहते हैं उन्हें प्रतिदिन 2400 कैलरी कब पोषण करना पड़ेगा यदि वह लोग प्रतिदिन 2400 गैलरी का पोषण नहीं कर पाते हैं तो वह गरीबी रेखा से नीचे आएंगे।
. शहर के लिए योजना आयोग ने कहा किस शहर में रहने वाले सभी लोगों को प्रतिदिन 2100 कैलरी का पोषण करना पड़ेगा यदि वह 2100 कैलरी का पोषण नहीं कर पाते हैं तो वह लोग शहर में गरीबी रेखा से नीचे आएंगे।
* न्यूनतम कैलरी आवश्यकता का मौद्रिक मूल्य:
योजना आयोग के अनुसार 2011-12 में वह लोग जो ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं उन्हें ₹816 करना पड़ेगा यदि वह नहीं कर पाते हैं तो वह गरीबी रेखा नीचे आएंगे।
. शहर के लिए योजना आयोग ने ₹1000 तय किया यदि शहर में रहने वाला कोई भी व्यक्ति ₹1000 खर्च नहीं कर पाता है तो वह गरीबी रेखा के नीचे आएगा।
4. निर्धनता की श्रेणियां:
. चिरकालिक निर्धन:
चिरकालिक निर्धन में वह लोग आते हैं जो मुख्य रूप से गरीब होते हैं या सामान्यतः गरीब रहते हैं।
. अल्पकालिक निर्धन:
अल्पकालिक निर्धन में वह लोग आते हैं जो कभी गरीबी रेखा से ऊपर तो कभी गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं।
. गैर निर्धन:
इसमें वे लोग आते हैं जो कभी निर्धन नहीं होते है।
5. Causes of poverty:
( गरीबी के कारण)
हमारे देश एवं हमारे समाज में आज भी गरीबी बहुत बड़े पैमाने पर फैली हुई है गरीबी की वजह से कई सारे ऐसे लोग हैं जो अपने जीवन को सही रूप से नहीं जी पाते हैं और आज भी उनके पास कई सारी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। गरीबी एक ऐसा जाल है जिसमें कई सारे लोग फंसे हुए हैं अतः उन सभी लोगों को यहां से निकालने की आवश्यकता है। अब हम इन सभी कारणों को देखते हैं जिसके कारण निर्धनता बड़े पैमाने पर हमारे देश एवं समाज में बढ़ती जा रही है वह कारण निम्नलिखित हैं:
. जनसंख्या रूप से बढ़ना।
. आर्थिक विकास सही रूप से ना हो पाना।
. हमारे देश में साक्षरता दर की कमी होना।
. बेरोजगारी का बड़े पैमाने पर फालना।
. मुद्रास्फीति का होना।
. ऋण के जाल में निरंतर रूप से फसना।
6. Poverty alleviation programs in India:
( गरीबी को कम करने के लिए चलाए जाने वाले कार्यक्रम)
गरीबी एक बहुत बड़ी समस्या है जिसका समाधान निकालने के लिए हमारी सरकार निरंतर रूप से प्रयास करती रहती है। सरकार का उद्देश्य होता है कि किस तरीके से सरकार कुछ कार्यक्रम के माध्यम से या अपनी नीतियों के माध्यम से देश में गरीबों की संख्या को कम कर सके। सभी लोगों को वह बुनियादी सुविधाएं प्रदान कर सकें जिससे कि वह लोग अपने जीवन के स्तर को सुधार सकें। सरकार इन सभी लोगों के जीवन के स्तर को सुधारने एवं देश में से गरीबी को कम करने के लिए कई सारे कार्यक्रमों की शुरुआत करती हैं और इन सभी कार्यक्रमों में राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार दोनों ही अपना अपना योगदान देते हैं जिससे गरीबी कम किया जा सके जल्द से जल्द।
. सरकार ने हमारे देश में से गरीबी को कम करने के लिए बहुत सारे कार्यक्रमों की शुरुआत की है उनमें से कुछ कार्यक्रम निम्नलिखित है इसके माध्यम से सरकार नहीं है प्रयास किया है कि हम अपने देश में से गरीबी को कम कर सकें:
. ग्रामीण रोजगार सृजन कार्यक्रम।
. प्रधानमंत्री रोजगार योजना।
. स्वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना।
. स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना।
. संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना।
. राष्ट्रीय कार्य के बदले अनाज कार्यक्रम।
- इन सभी कार्यक्रमों की शुरुआत सरकार ने इसलिए की ताकि देश में रहने वाले मजदूर एवं वह लोग जो अपना खुद का कोई कार्य करते हैं उन सभी लोगों को किसी ना किसी तरीके से लाभ पहुंचाया जाए जिससे कि बेरोजगारी की समस्या कम हो क्योंकि यदि बेरोजगारी की समस्या को कम करने में सरकार सफल रही तो गरीबी को कम करने में सरकार को सफलता सरलता पूर्वक मिल जाएगी।
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