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एटीएम क्या होता है और इसका उपयोग क्या है ?

Outsourcing of services:

व्यवसाय को सफलतापूर्वक एवं कुशलता पूर्वक चलाने के लिए किसी भी व्यवसायिक को अन्य प्रकार की क्रियाएं करनी पड़ती हैं इसके माध्यम से वह अपने व्यवसाय को काफी लंबे समय तक चला सकता है कई सारी क्रियाएं हैं जैसे उत्पादन करना, क्रय विक्रय करना, वित्तीय प्रबंधन करना, विज्ञापन करना तथा ग्राहकों को विक्रय के बाद कई सारी सेवाएं प्रदान करने जैसे कार्य किसी भी व्यवसाय को करने पड़ते हैं। जिससे कि वह अपने व्यवसाय को लंबे समय तक  चला सके। इन सब क्रियाओं को करने के लिए व्यवसायिक के पास कई सारे विकल्प होते हैं जैसे- 1) संगठन के अंदर ही पूरा कर लेना सब क्रियाओं को
2) या संगठन के बाहर से पूरा करवाना

         कोई भी व्यावसायिक इन सभी क्रियाओं को कराने के लिए इन दोनों विकल्पों में से किसी एक विकल्प को चुनता है। यह उसके व्यवसाय पर निर्भर करता है कि वह किस विकल्प को चुनना पसंद करेगा यदि उस व्यवसायिक का व्यवसाय काफी छोटा है तो वह सभी प्रकार की क्रियाएं अपने संस्था के अंदर ही करने का प्रयास करेगा परंतु किसी व्यावसायिक का व्यवसाय काफी बड़ा है तो वह इन सभी क्रियाओं को किसी अन्य संस्था के माध्यम से पूरा करवाने का प्रयास करेगा जिससे कि वह अपने व्यवसाय को आगे चला सके और जो उसका उद्देश्य है उस उद्देश्य को वह पूरा कर सके।


1. Meaning of outsourcing of services:

(  सेवाओं का बाहरीकरण)

सेवाओं का बाहरीकरण से अभिप्राय उस क्रिया से है जिसके द्वारा व्यवसाय को सफलतापूर्वक चलाने हेतु जब कोई संस्था कुछ सेवाओं को किसी ऐसे संस्था से प्राप्त करती है जो संगठन से  बाहर की हो तो हम उस प्रक्रिया को सेवाओं का बाहरी करण कहते हैं।


* सेवाओं के बाहरीकरण की आवश्यकता क्यों होती है?

किसी व्यवसायिक को सेवाओं के भारी करने की आवश्यकता इसलिए पड़ती है ताकि वह अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक चला सके क्योंकि जब एक व्यवसायिक का व्यवसाय काफी बड़ा हो जाता है तो सभी प्रकार की क्रियाएं व व्यवसायिक अपने संस्था के अंदर नहीं कर पाता है  अतः उस समय उस व्यवसायिक को कुछ सेवाओं को बाहर से प्राप्त करना पड़ता है।

. हम निम्नलिखित कारणों से कह सकते हैं कि किसी भी व्यवसायिक को सेवाओं के बाहरी करण की आवश्यकता होती है:

. अच्छी क्वालिटी की सेवाएं प्राप्त करने के लिए आवश्यकता होती है: 

एक संस्था अथवा एक व्यवसायिक किसी भी कार्य को सफलतापूर्वक कर सकता है परंतु वह हर कार्य को सफलतापूर्वक नहीं कर पाएगा यदि वह व्यवसायिक प्रयास करता है कि सभी प्रकार की क्रियाएं वह संस्था के अंदर ही पूरा कर ले तो उन सेवाओं की क्वालिटी खराब हो जाती है। जिसका प्रभाव उसके व्यवसाय पर पड़ सकता है इसलिए  व्यवसायिक अच्छी क्वालिटी की सेवा प्राप्त करने के लिए सेवाओं के बाहरी करण का प्रयोग करते हैं।

. सेवाओं में स्थाई निवेश से बचने के लिए आवश्यकता होती है: 

यदि कोई संस्था अथवा व्यवसायिक यह चाहता है कि वह सभी प्रकार की क्रियाएं अपने संस्था के अंदर ही पूरा कर ले तो इसके लिए उसे हर एक कार्य के लिए एक नए विभाग की स्थापना करनी पड़ेगी जिसके ऊपर उसे बहुत निवेश करना पड़ेगा और वह निवेश करने से उसका खर्चा बढ़ जाएगा इसलिए वह व्यवसायिक सेवाओं के बाहरी करण का प्रयोग करता है क्रियाओं को पूरा करने के लिए।


. व्यवसाय को सही रूप से चलाने के लिए भी आवश्यकता होती है: 

किसी भी व्यावसायिक को अपने व्यवसाय को चलाने के लिए सेवाओं के बाहरी करण की आवश्यकता होती है क्योंकि यदि कोई व्यवसायिक अपनी संस्था के अंदर ही सभी क्रियाओं को संपन्न करना चाहेगा तो इसका प्रभाव उसके व्यवसाय पर पड़ सकता है क्योंकि वह हर क्रियाओं को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करेगा जिससे कि वह उन क्रियाओं पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाएगा जो बहुत ज्यादा उपयोगी हैं इसलिए कई सारे व्यवसायिक को सेवाओं के  बाहरीकरण का प्रयोग करते हैं जिससे कि वह अपने व्यवसाय को सही रूप से चला सके।


2. Types of  outsourcing services:

( बाहरी सेवाओं के प्रकार)

* वित्तीय सेवाएं:

आज के समय में कई सारे ऐसे व्यवसायिक हैं जिन्हें किसी ना किसी समय वित्त की आवश्यकता अपने संस्था के लिए होती है अतः वित्तीय सेवाएं बाहरी सेवाओं का एक प्रकार है जिसके माध्यम से कोई भी व्यवसायिक वित्तीय संबंधी समस्याओं का समाधान निकाल सकता है और सरलता पूर्वक प्राप्त कर सकता है। बिना वित्तीय सेवा के हम यह बिल्कुल नहीं कह सकते कि कोई भी व्यवसायिक अपने व्यवसाय या संस्था को सरलता पूर्वक चला सकता है।


* विज्ञापन संबंधित सेवाएं:


विज्ञापन भी बाहरी सेवाओं का एक प्रकार है जिसका प्रयोग कई सारी कंपनियों द्वारा किया जाता है सभी कंपनियों के मालिक विज्ञापन संबंधित सेवाओं का प्रयोग करते हैं जिससे कि वह अपने व्यवसाय को अच्छे तरीके से संचालित कर सकें। हर कंपनी एवं हर व्यवसायिक का यह उद्देश्य होता है कि वह अधिक से अधिक लाभ अर्जित करें किसी भी कंपनी या व्यवसायिक को लाभ तभी प्राप्त होता है जब वह किसी सामान की अधिक बिक्री करता है किसी भी सामान की अधिक बिक्री करने के लिए विज्ञापन की आवश्यकता होती है। अतः कोई भी कंपनी विज्ञापन को अपने द्वारा संचालित नहीं कर सकती हैं क्योंकि वह अगर ऐसा करती है तो विज्ञापन की क्वालिटी खराब हो जाएगी और कंपनी को किसी भी प्रकार का लाभ नहीं होगा इसलिए कंपनी विज्ञापन संबंधित सेवाएं बाहर से प्राप्त करती हैं। विज्ञापन संबंधित सेवाएं बाहर से इसलिए ली जाती है क्योंकि कोई भी कंपनी सभी कार्यों को बहुत अच्छी तरीके से नहीं कर सकती है।

* कुरियर सेवाएं: 

कुरियर सेवा बाहरी सेवाओं का एक प्रकार है इसके माध्यम से कोई भी कंपनी अपने सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर काफी सरलता पूर्वक पहुंचा सकती है जिससे कि कंपनी अपने समय की बचत कर पाती है। कंपनी कुरियर संबंधित सेवाएं बाहर से प्राप्त करती हैं क्योंकि यदि कंपनी कुरियर संबंधित सेवा पर भी खुद ध्यान देगी तो वह बाकी के वह कार्य नहीं कर पाएगी जिस कार्य को करने के लिए कंपनी को ज्यादा समय देना है इसलिए कंपनी यह बाहर से प्राप्त करती है।

* ग्राहक सहायता सेवाएं: 

ग्राहक सहायता सेवाओं से अभिप्राय उन सेवाओं से है जो कोई भी कंपनी अपने ग्राहकों को प्रदान करती है। किसी भी कंपनी या व्यवसाय के लिए ग्राहक काफी महत्वपूर्ण होते हैं क्योंकि यदि किसी कंपनी के सामान को ग्राहकों द्वारा नहीं खरीदा जाएगा तो कंपनी अपने उद्देश्य को पूरा करने में असफल हो जाएगी। व्यवसायिक अथवा कंपनियां ग्राहकों को अपनी तरफ आकर्षित करने के लिए अलग-अलग योजनाएं बनाती हैं साथ ही साथ सभी कंपनियां एवं सभी व्यवसायिक ग्राहकों की संतुष्टि का भी ध्यान रखते हैं ताकि ग्राहक यदि कोई सामान या कोई वस्तु उनके यहां से खरीदे तो पूरी तरीके से संतुष्ट हो और उसे सभी प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराई जाए जिससे कि ग्राहक कंपनी के उत्पाद से खुश हो जाए।


3. Automatic tailor machine ( ATM Meaning)

( स्वचालित टेलर मशीन- एटीएम)

एटीएम से अभिप्राय बैंक के एक विशेष इलेक्ट्रॉनिक कार्यालय से हैं जो ग्राहकों को 24 घंटे बिना किसी बैंक  कर्मचारी या बिना किसी बैंक  प्रतिनिधि के ग्राहकों को आधारभूत बैंकिंग व्यवहारों को करने की अनुमति प्रदान करता है।

* एटीएम की उपयोगिता: 

. नगदी निकालना: 

ऐटीएम के माध्यम से नगद पैसे निकालना काफी सरल हो गया है यदि कोई ग्राहक अपने खाता में से नगद पैसे निकालना चाहता है तो वह बिना बैंक जाए भी पैसे निकाल सकता है इसके लिए उसे एटीएम मशीन में जाकर अपने एटीएम कार्ड को डालना होगा साथ ही जो उसका पिन नंबर अथवा व्यक्तिगत पहचान संख्या है उसे टाइप करनी पड़ेगी जिसके बाद वह अपने खाते में से नगद पैसे आसानी से निकाल सकता है।

. शेष पूछताछ: 

एटीएम के माध्यम से कोई भी ग्राहक अपने खाता में मौजूद शेष धनराशि का पता भी लगा सकता है सरलता पूर्वक इसके लिए उसे बैंक जाने की कोई आवश्यकता नहीं है अगर वह चाहे तो समता पूर्वक ऐटीएम के माध्यम से अपने खाते में मौजूद धनराशि का पता लगा सकता है।


4. Smart card: 

स्मार्ट कार्ड से अभिप्राय एक ऐसे छोटे टेंपल प्रूफ उपकरण से है जिसमें एक मेमोरी चिप लगी होती है जो उपयोग करने वाले के डाटा को स्टोर करके रखती है।

. स्मार्ट कार्ड के प्रारूप

. क्रेडिट व डेबिट कार्ड

. मोबाइल सिम कार्ड आदि।

* स्मार्ट कार्ड के लाभ: 

. बहुत देसी उपकरण है इसका अलग-अलग तरीकों से प्रयोग किया जा सकता है।

. स्मार्ट कार्ड के माध्यम से सुरक्षा काफी प्रदान होती है हमारे व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रहते हैं।

. इसके माध्यम से व्यवहार करना काफी तेज हो जाता है ।

. इसके संग्रहण करने की क्षमता अधिक होती है।

. प्रयोग करना काफी सरल होता है।










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